इंडिया टाइम 24 न्यूज से शम्भू नाथ गौतम। देश की राजधानी दिल्ली में लोकसभा की सात सीटें हैं। लेकिन सबसे अधिक ग्लेमर सीट चांदनी चौक मानी जाती है। देश के सबसे पुराने और पहले निर्वाचन क्षेत्रों में से एक होने के नाते इस सीट पर सबसे अधिक राजनीति की चर्चा होती है। राजधानी का चांदनी चौक पुरानी दिल्ली के नाम से भी जाना जाता है। यह लोकसभा क्षेत्र चुनावी समर के अहम मैदानों में से एक है। इसका निर्वाचन क्षेत्र बहुत घनी आबादी वाला है। इसमें लाहोरी दरवाजा से लेकर चौक कोतवाली तक चांदनी चौक को कवर करते हुए फतेहपुरी मस्जिद में तक का इलाका आता है। आइए अब इस लोकसभा सीट का इतिहास जान लिया जाए। चांदनी चौक पर 1957 से लेकर 2014 तक कुल 14 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इनमें से कांग्रेस अब तक नौ बार जीत चुकी है । वहीं बीजेपी चार बार यहां से जीत दर्ज कर चुकी है । 1957 के पहले आम चुनाव में कांग्रेस के राधा रमण ने जीत दर्ज की थी। उसके बाद 1962 में कांग्रेस के ही शाम नाथ ने। 1967 के आम चुनावों में बीजेएस के आर गोपाल बाजी पलटते हुए यहां से जीतने में कामयाब रहे। 1971 में सुभद्रा जोशी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर फिर से इस सीट को कांग्रेस की झोली में डाल दिया। 1977 में फिर बाजी पलटी और ये सीट बीएलडी के कब्जे में चली गई। हालांकि 1980, 1984 और 1989 में कांग्रेस इस सीट पर काबिज रही। 1991 में भाजपा से ताराचंद खंडेलवाल यहां से जीतकर संसद पहुंचे। 1996 में कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल यहां से सांसद बने। इसके बाद 1998 और 1999 में बीजेपी के विजय गोयल को जनता ने चुनकर संसद भेजा। 2004 और 2009 में कपिल सिब्बल के हक में फैसला गया। वर्तमान में बीजेपी के डॉ. हर्षवर्धन यहां से सांसद हैं। कांग्रेस के कपिल सिब्बल अब तक लगातार दो बार इस निर्वाचन क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं । इस बार भाजपा से केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, कांग्रेस से जेपी अग्रवाल और आप से पंकज गुप्ता चुनाव मैदान में हैं। इस बार देखना होगा जीत का सेहरा किसके सिर बंधता है। मालूम हो कि दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को वोट डाले जाएंगे।