(इंडिया टाइम 24 न्यूज से शम्भू नाथ गौतम की एक्सलूसिव रिपोर्ट) रविवार को 17वीं लोकसभा चुनाव के 7वें और आखिरी चरण के लिए मतदान हो रहे हैं। आज शाम को यह लोकतंत्र का उत्सव समाप्त हो जाएगा। बस चुनाव परिणाम आने रह जाएंगे। हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। ऐसे में चुनाव एक उत्सव की तरह ही होते हैं, जब लोकसभा के चुनाव हों तो इसका उत्साह लोगों में दोगुना हो जाता है। लेकिन जब यही चुनाव लंबे हो जाते हैं तो यह उत्सव फीका पड़ने लगता है। किसी भी उत्सव का समय भी निर्धारित होता है। हम बात कर रहे हैं इस बार के लोकसभा चुनावों की। 11 अप्रैल से पहले चरण के शुरू हुए चुनाव आज तक जारी हैं। यानी 40 दिन हो गए। अगर हम इसमें चुनाव परिणामों की तारीखों को भी मिला लें तो लगभग डेढ़ माह हो जाते हैं। इस बार के ये लोकतंत्र का उत्सव दुनिया में सबसे लंबा हो गया है। लगभग डेढ़ माह में तो लोगों काे यह तंत्र थकाने लगता है। चुनावों प्रक्रिया शुरू होने से आचार संहिता लागू हो जाती है, सभी विकास योजनाएं ठप पड़ जाती हैं। इतने दिनों तक अगर विकास में बाधा पहुंचती है तो उसकी मार जनता पर तो पड़ती ही है साथ में देश भी पिछड़ जाता है। भारत एक बड़ा देश है यहां एक चरण में चुनाव होना संभव नहीं है लेकिन इसकी समय की अवधि तो कम की जा सकती है । जिससे जनता ये उत्सव पूरे उत्साह के साथ मना सके और न ही विकाय योजनाओं पर कोई असर पड़े।