नई दिल्ली। इंडिया टाइम 24 से शम्भू नाथ गौतम। इन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस जिस प्रकार से केंद्र की भाजपा सरकार पर अमर्यादित भाषा बोलकर हमला कर रही है वो उसकी ही साख पर बट्टा लगा रहा है। विडंबना ये है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जो आरोप लगा रहे हैं, उससे उनके आचरण की प्रशंसा नहीं की जा सकती है। शुक्रवार को राहुल गांधी ने बिहार के समस्तीपुर में नरेंद्र मोदी को लेकर एक और अशोभनीय नारा गढ़ दिया। कांग्रेस अध्यक्ष ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की मदद से अनिल अंबानी जैसे चोरों ने लूटी है, केंद्र की एनडीए सरकार पर नए सिरे से हमला करते हुए गांधी ने एक नया नारा गढ़ा, कुछ नहीं सब झूठा है, नरेंद्र मोदी ने लूटा है। रैली के समापन के बाद राहुल इस अशोभनीय नारे को लेकर कहा कि अब ये नरेंद्र मोदी के खिलाफ मेरा नया नारा है। इससे पहले भी चुनावी रैलियों में कांग्रेस अध्यक्ष प्रधानमंत्री पर ‘चौकीदार चोर है‘ बोलते आ रहे हैं। हद तो तब हो गई जब राहुल ने राफेल मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पुनर्विचार याचिका की सुनवाई करने को लेकर ही कांग्रेस अध्यक्ष ये समझ बैठे कि उच्चतम न्यायालय ने पीएम को चौकीदार चोर है साबित कर दिया है, फिर क्या था राहुल ने देर न की एक रैली के दौरान कह दिया कि अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि देश का चौकीदार चोर है। राहुल के बयान की निंदा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष को नोटिस भेजकर जवाब देने को कहा। बाद में कांग्रेस अध्यक्ष ने खेद भी जताया। चौकीदार चोर है के मामले में राहुल गांधी को 30 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में जवाब देना होगा। विपक्षी दलों का सत्तारूढ़ सरकार पर हमला करना या आरोप लगाना समझ में तो आता है। लेकिन वो किन मुद्दों पर क्या बोल रहे हैं इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। जब आप कुछ कहते हो तो पूरा देश आपको देखता है। कहीं ऐसा न हो कि आपका अमर्यादित आचरण का दांव इन चुनावों में उल्टा पड़ जाए।