( इंडिया टाइम 24 न्यूज से शम्भू नाथ गौतम ) कोलकाता में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा के बाद चुनाव आयोग ने पहली बार ऐतिहासिक फैसला देते हुए राज्य में पूर्व निर्धारित समय से 19 घंटे पहले प्रचार पर बैन लगाने पर समूचे विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई है। इस फैसले के बाद विपक्ष की आपत्ति तो समझ में आती है, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ये भी बताइए कि पश्चिम बंगाल में अभी तक हुए सभी चरणों में चुनावों में हिंसा क्यों हुई, इसका भी जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए। बसपा प्रमुख मायावती, कांग्रेस नेता अहमद पटेल, सीपीआईएम महासचिव सीताराम येचुरी समेत अन्य विपक्षी नेताओं ने पूछा है कि चुनाव प्रचार तय सीमा से पहले खत्म करना था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली खत्म होने तक का इंतजार क्यों किया गया। बंगाल में सातवें चरण में 19 मई को 9 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। पहले से तय नियम के मुताबिक प्रचार 17 मई की शाम को खत्म होना था, लेकिन चुनाव आयोग के आदेश के मुताबिक प्रचार आज रात 10 बजे तक ही किया जा सकता है। देश के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब आयोग को चुनावी हिंसा के मद्देनजर किसी चुनाव में निर्धारित अवधि से पहले चुनाव प्रचार प्रतिबंधित करना पड़ा हो। पूरे देश में देखा कि पश्चिम बंगाल में चुनाव के हर चरण में हिंसा हुई। इसके बावजूद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कहती हैं कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की ऐसी कोई समस्या नहीं है। चुनाव आयोग ने राज्य में 19 घंटे पहले प्रचार पर बैन सभी राजनीतिक पार्टियों पर लगाया गया है, ये भी विपक्षी नेताओं को याद रखना होगा।