नई दिल्ली: (इंडिया टाइम 24 न्यूज़ से ज्योति मनराल की रिपोर्ट) वो कहते हैं ना कि “मुश्किलों से भाग जाना अक्सर आसान होता है, हर पहलु ज़िन्दगी का इम्तिहान होता है , डरने वालों को मिलता नहीं कुछ ज़िन्दगी में और लड़ने वालों के क़दमों में जहान होता है” इसी वाक्ये को सही साबित करती है एक ऐसी सशक्त युवती जिसने ज़िन्दगी में आये एक बेहद कठिन पड़ाव को बड़ी हिम्मत और कुशलता से पार किया और आज वह सभी के लिए एक मिसाल बन कर उभरी है | अब आपको बताते है उस युवती के संघर्ष और सपनों को पूरा करने की वो दिलचस्प दास्तान जो वाकई सभी के लिए अब एक प्रेरणास्त्रोत है | गोरखपुर में राजेंद्र नगर के ललितपुर इलाके की रहने वाली वंदना यादव का बचपन से एक ही सपना था और वो उसी सपने को पूरा करने के लिए दिन- रात मेहनत करती थी | उसका सपना था मॉडलिंग के श्रेत्र में अपना करियर बनाना और इसी सपने को संजोये वह आगे बढ़ रही थी |
हर एक आम लड़की की तरह उसके भी कई सपने थे, मॉडलिंग के अपने इस ख्वाब को वंदना हर दिन जीती थी, लेकिन उसे कहां पता था की ज़िन्दगी उसका इतना कठिन इम्तिहान लेगी | दरअसल एक ऐसा हादसा उसकी ज़िन्दगी में हुआ जिसने वंदना को अन्दर से पूरी तरह तोड़ के रख दिया | लेकिन उसने हार नहीं मानी और समाज के तानों और सभी मुश्किलों को पार कर के आगे बढती रहीं और अपना सपना पूरा किया | अब आपको बताते हैं उस हादसे के बारे में जिसने उस युवती के सपनो को पल में तोड़ दिया था | साल 2017 में 25 अप्रैल का वह दिन जिसे वह आज तक नहीं भूल पायी है | रोज़ की तरह वंदना रसोई घर का कुछ काम कर रही थी कि तभी गैस पर रखा कुकर फट गया जिससे उसके चेहरे का आधा हिस्सा बुरी तरह झुलस गया | उस हादसे से वह बुरी तरह टूट चुकी थी, करीब एक साल तक वह घर से बाहर भी नहीं निकल पायी | हॉस्पिटल में एक करीब एक साल तक उनका इलाज चला | अब आप सोचिये क्या बीती होगी इस युवती पर जिसने हमेशा से ही मॉडलिंग का सपना देखा हो, उससे बेहद लगाव हो और एक दिन अचानक से सब तबाह हो जाएँ |
नहीं हारी हिम्मत और जीती मिस गोरखपुर प्रतियोगिता, घरवालों का मिला पूरा सहयोग
इस कठिन समय में भी वंदना ने हिम्मत नहीं हारी और समाज की प्रताडनाओं का डट के सामना किया, एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने बताया कि एक साल तक उन्होंने काफी संघर्ष किया, झुलसे चेहरे को लेकर घर से बाहर निकलना भी मुश्किल था | कभी उन्हें अपने चेहरे पर बहुत नाज़ था और उस वक़्त वही चेहरा उनकी परेशानियों का सबब बन गया था | अक्सर पडोसी उन्हें ताना मारा करते थे, मजाक बनाया करते थे | लेकिन उस कठिन घड़ी में वंदना के परिवार ने उनका पूरा सहयोग दिया और उसके सपनों को पूरा करने के लिए सभी परिवारजनों ने हर संभव कोशिश की | वंदना ने ठान लिया था कि वह हार नहीं मानेंगी और समाज की सभी प्रताड़नाओं का मुहतोड़ जवाब देगी | एक वर्ष के लम्बे संघर्ष के बाद वंदना पूरी तैयारियों के साथ आगे बढ़ी और उन्होंने मॉडलिंग वर्कशॉप्स में हिस्सा लेना शुरू कर दिया | जिसके बाद उन्होंने मिस गोरखपुर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और विजेता बनी |
डीडी मिस इंडिया प्रतियोगिता में रही रनरअप, वर्षों पुराना अपना सपना किया साकार
एक मशहूर कहावत हैं कि “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती” इसी की बेहतरीन मिसाल है मिस गोरखपुर से मिस इंडिया रनरअप बनी वंदना यादव | तमाम मुश्किलों के बाद आखिरकार उन्होंने वो मुकाम हासिल कर ही लिया जिसका वह सपना बचपन से देखा करती थी | उन्होंने एक गहरे सदमें से बाहर निकलकर वो मुकाम हासिल किया जिसे पाना कोई आसान काम नहीं, उनकी मेहनत, धैर्य और ज़ज्बे का ही नतीजा है जो वह आज सफलता की ऊँचाइयों पर हैं | उन्होंने अपनी मेहनत और कठिन परिश्रम से एक मिसाल पेश की है समाज की सभी महिलाओं और उन सभी व्यक्तियों के सामने जो कुछ बाधाओं की वजह से हिम्मत हार जाते हैं | वाकई यह अभी तक की सभी सौन्दर्य प्रतियोगिताओं में से सबसे अनोखी और नायाब प्रतियोगिता रही | जिसने सभी को एक बेहतरीन सन्देश दिया कि अगर एक व्यक्ति चाहे तो वह सब कुछ हासिल कर सकता है जो उसने पाना चाहा हो, बस जरुरत है कठिन परिश्रम और साहस की | वंदना यादव के अथक प्रयास और ज़ज्बे को सलाम है |