बहुत चंचल बहुत खुश मिज़ाज – सी होती है बेटियां नाजुक सा दिल रखती हैं, मासूम -सी होती हैं बेटियां । बात बात पर रोती हैं, नादान सी होती हैं बेटियां, रेहमत से भरपूर खुदा की नेहमत है बेटियां । घर महक उठता है, जब मुस्कुराती हैं बेटियां । अजीब सी तकलीफ होती है, जब दूसरे के घर जाती हैं बेटियां घर लगता है सूना-सूना, कितना रूलाके जाती हैं बेटियां। खुशी की झलक,बाबुल की लाडली होती हैं बेटियां । ये हम नहीं कहते हैं, ये तो ”भगवान“ कहते हैं कि ”जब में बहुत खुश होता हूं तो जन्म लेती हैं, ये प्यारी सी बेटियां । डाॅ.सरोज श्रीवास्तव |