इंडिया टाइम 24 न्यूज से ( शम्भू नाथ गौतम की त्वरित टिप्पणी) समय बड़ा बलवान होता है। कब और क्या बयान देना शायद वो इसका आकलन नहीं कर पाता है। जी हां आज हम बात करेंगे साध्वी प्रज्ञा की। मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे को लेकर दिए गए प्रज्ञा के बयान की प्रशंसा नहीं की जा सकती है। मालेगांव बम धमाके के मामले में साध्वी की ये बात तो समझ में आती है कि उन्होंने 9 साल का दंश झेला है। जिस कारण उनकी जिंदगी पीछे चली गई। लेकिन चुनावों के मौके पर शहीद हेमंत को लेकर दिए कि बयान ‘तेरा सर्वनाश होगा और उसे आतंकियों ने मार डाला‘ सार्वजजनिक नहीं करना चाहिए था। हेमंत ने भी मुंबई हमले में अपनी जान गंवा दी थी, ये भी साध्वी को याद रखना होगा। आज पुराने जख्मों से उभर कर साध्वी मजबूत स्थित में हैं। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा ने हिन्दूवादी चेहरा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मैदान में उतारा है। साध्वी एक दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुईं थीं। मालेगांव बम धमाके में आरोपी रह चुकी प्रज्ञा ठाकुर की भाजपा में एंट्री धमाकेदार हुई है। फिलहाल साध्वी बम धमाके मामले में जमानत पर बाहर हैं।
29 सितंबर 2008 में हुआ था मालेगांव बम धमाका
29 सितंबर 2008 की महराष्ट्र के नासिक जिले में बम धमाका हुआ था। इस धमाके में 7 लोगाें की जान गई थी लगभग 100 घायल हो गए थे। ये धमाका रमजान के माह में उस वक्त किया गया था जब मुस्लिम समुदाय के बहुत सारे लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे। इस धमाके के पीछे कट्टरपंथी हिंदू संगठनों का हाथ होने की बात सामने आई थी। इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर स्वामी असीमानंद और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मुख्य आरोपी बनाया गया था। इस केस में एटीएस की जांच में अभिनव भारत संस्था का नाम सामने आया था। 24 अक्टूबर 2008 को इस मामले में स्वामी असीमानंद कर्नल पुरोहित सहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था।जुलाई 2009 में स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका लगा दिया था। जुलाई 2010 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका जारी रखा था। 15 अप्रैल 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटकर मकोका को हटा दिया। 25 अप्रैलए 2017 को बॉम्बे हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को जमानत दे दी है।