नई दिल्ली। (इंडिया टाइम 24 न्यूज से शम्भू नाथ गौतम) मध्यप्रदेश में लगभग एक माह पहले जब भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था तो पार्टी बहुत उत्साहित थी। भाजपा साध्वी में हिंदूवादी का एक नया चेहरा देखने लगी थी। साध्वी ने राजनीति में करियर तो शुरू कर दिया, लेकिन सियासत के दांवपेच नहीं जान पाई। भोपाल में अपने नामांकन से पहले मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे और अभी हाल में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लेकर साध्वी के दिए गए बयान भाजपा के लिए मुश्किल बढ़ाते गए साथ ही खुद ही पार्टी से अलग-थलग पड़ती चली गईं । चुनाव के आखिरी दौर में नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहना साध्वी के लिए गले की फांस बन गया। इस बयान के बाद भाजपा की जबरदस्त किरकिरी हुई ही साथ ही विपक्षी दलों के नेताओं को एक बड़ा हमला करने का मौका भी मिल गया। अभी कुछ दिनों पहले तक साध्वी प्रज्ञा को लेकर भाजपा गदगद नजर आ रही थी लेकिन अब पार्टी का आलाकमान भी उनसे किनारा करने लगा है। गोडसे को देशभक्त कहने के बाद भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह के सख्त तेवरों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि भले ही साध्वी प्रज्ञा ने माफी मांग ली हो, लेकिन मैं अपने मन से उन्हें कभी माफ नहीं कर पाऊंगा। पीएम मोदी साध्वी प्रज्ञा की टिप्पणी से खुश नहीं हैं। पीएम मोदी ने जिस तरह से इस पर प्रतिक्रिया दी है उससे जाहिर है कि साध्वी प्रज्ञा की आगे की राजनीति आसान नहीं रहने वाली है। साध्वी प्रज्ञा पर विपक्ष तो हमलावर है ही, पार्टी का भी उनको साथ नहीं मिल रहा है। अब तक पार्टी प्रवक्ताओं या मंत्रियों की ओर से उनके बयान पर सफाई आती थी, लेकिन अब जब सीधे पीएम मोदी की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया यह बताती है कि पार्टी का आलाकमान उन्हें बख्शनें के मूड में नहीं है ।