लगभग तीन साल पहले केंद्र की भाजपा सरकार जब राफेल विमान को फ्रांस से डील कर रही थी जब उसको यह आभाष नहीं रहा होगा कि ये सौदा उसे कितना महंगा पड़ेगा और क्या-क्या सहना पड़ेगा। खासतौर पर कांग्रेस से। भाजपा ने केंद्र में पूरे पांच साल सरकार चलाई। इन पांच साल के कार्यकाल में राफेल डील ने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे अधिक परेशान कर रखा है। लोकसभा चुनाव आते-आते राफेल का मामला कांग्रेस की ओर से हल्का पड़ गया था। लेकिन 10 अप्रैल को राफेल मामले में केंद्र को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा था। सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका की सुनवाई में उन दस्तावेजों को भी देखने का फैसला किया जिसमें केंद्र ने गोपनीय बता कर पेश किए जाने पर एतराज किया था। इस फैसले के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर से मोदी सरकार पर हमला बोला था।
आज सुप्रीम कोर्ट ने ‘चाैकीदार चोर है‘ वाले बयान पर राहुल गांधी से जवाब मांगा
सोमवार को यानी आज सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से हाल ही में राफेल डील फैसले पर की गई उनकी टिप्पणी को लेकर सफाई मांगी है। इस मामले में मंगलवार 23 मई को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम यह स्पष्ट करते हैं कि राफेल मामले में दस्तावेजों को स्वीकार करने के लिए उनकी वैधता पर सुनवाई करते हुए इस तरह की टिप्पणियां करने का मौका कभी नहीं आया। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि अब ‘सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया कि चाैकीदार चोर है‘। कांग्रेस अध्यक्ष के इसी बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी से जवाब मांगा है।
भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष पर किया हमला
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भाजपा ने आनन-फानन में प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस अध्यक्ष को आड़े हाथों लिया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल के झूठ का पर्दाफाश किया। आज सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा जैसा राहुल ने कहा था । मालूम हो कि जिस राफेल विमान को लेकर देश की राजनीति में भूचाल मचा हुआ है वो अभी तक पूरी तरह फ्रांस से आए भी नहीं है।